ऋण (Debt) म्यूचुअल फंड्स की मदद से इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं
ऋण (Debt) म्यूचुअल फंड्स की मदद से इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं
अचानक नौकरी जाना, स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थिति या घर की मरम्मत जैसी घटनाएं आपकी वित्तीय स्थिरता को हिला सकती हैं। ऐसे में इमरजेंसी फंड बनाना बहुत ज़रूरी होता है।
इस लेख में हम बताएंगे कि आप ऋण (Debt) म्यूचुअल फंड्स की मदद से इमरजेंसी फंड कैसे बना सकते हैं — यह सेविंग अकाउंट से बेहतर विकल्प हो सकता है।
🧠 इमरजेंसी फंड क्या होता है?
इमरजेंसी फंड एक सुरक्षा निधि है — ऐसी राशि जो आप अचानक आने वाले खर्चों के लिए अलग रखते हैं। इससे आप कठिन समय में लोन या निवेश तोड़ने की बजाय इस फंड का उपयोग कर सकते हैं।
✅ इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए?
- नौकरीपेशा: 3–6 महीने के खर्चों के बराबर।
- स्वतंत्र पेशेवर/फ्रीलांसर: 6–12 महीने के खर्चों के बराबर (क्योंकि आमदनी स्थिर नहीं होती)।
💼 इमरजेंसी फंड के लिए ऋण म्यूचुअल फंड्स क्यों चुनें?
अधिकांश लोग इमरजेंसी फंड को सेविंग अकाउंट या FD में रखते हैं। लेकिन ऋण म्यूचुअल फंड्स आपको बेहतर रिटर्न और अच्छी लिक्विडिटी दे सकते हैं।
🔍 ऋण फंड्स के लाभ:
- बेहतर रिटर्न: 5–7% तक का रिटर्न (सेविंग अकाउंट से कहीं ज़्यादा)।
- उच्च लिक्विडिटी: पैसा 1–2 दिन में वापस मिल जाता है।
- कम जोखिम: लिक्विड और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में उतार-चढ़ाव कम होता है।
- कर लाभ: 3 साल से ज़्यादा समय रखने पर इंडेक्सेशन के साथ कैपिटल गेन टैक्स में राहत मिलती है।
🏦 इमरजेंसी फंड के लिए उपयुक्त ऋण फंड्स
ऐसे फंड चुनें जो कम जोखिम वाले और तरल (liquid) हों। कुछ बेहतरीन विकल्प:
1. लिक्विड फंड्स
- 91 दिनों तक की परिपक्वता वाली सिक्योरिटीज़ में निवेश।
- एक कार्यदिवस में पैसा निकाल सकते हैं।
2. अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स
- 3–6 महीने की परिपक्वता वाले उपकरणों में निवेश।
- थोड़ा अधिक रिटर्न, फिर भी सुरक्षित।
3. मनी मार्केट फंड्स
- ट्रेज़री बिल्स और कमर्शियल पेपर्स जैसे शॉर्ट टर्म इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश।
- बड़े इमरजेंसी फंड के लिए उपयुक्त।
अपने इमरजेंसी फंड को दो हिस्सों में बांटें — कुछ राशि सेविंग अकाउंट में रखें (तत्काल ज़रूरत के लिए), और बाकी लिक्विड फंड में निवेश करें (बेहतर रिटर्न के लिए)।
🛠️ इमरजेंसी फंड बनाने के स्टेप्स
चरण 1: मासिक खर्च का हिसाब लगाएं
रेंट, EMI, राशन, बिल, स्कूल फीस, बीमा प्रीमियम आदि शामिल करें।
चरण 2: अपना लक्ष्य तय करें
मासिक खर्च × 3 से 6 = इमरजेंसी फंड लक्ष्य
उदाहरण: ₹40,000 × 6 = ₹2.4 लाख
चरण 3: लिक्विड फंड में SIP शुरू करें
यदि आप एक बार में पूरी राशि नहीं रख सकते, तो मासिक SIP शुरू करें।
चरण 4: सही फंड और AMC चुनें
विश्वसनीय AMC और कम खर्च वाले फंड का चयन करें।
चरण 5: नियमित समीक्षा करें
हर साल फंड की समीक्षा करें और यदि आपने इसमें से पैसा निकाला हो तो उसे फिर से पूरा करें।
🚫 इन बातों से बचें
- ❌ इक्विटी म्यूचुअल फंड में इमरजेंसी फंड न लगाएं — ये अस्थिर होते हैं।
- ❌ लंबी अवधि के FD में फंड लॉक न करें — लिक्विडिटी घट जाती है।
- ❌ इमरजेंसी फंड को अपने निवेश पोर्टफोलियो से मिक्स न करें।
📌 निष्कर्ष
ऋण म्यूचुअल फंड्स से इमरजेंसी फंड बनाना एक संतुलित और समझदारी भरा निर्णय है। यह आपको देता है:
- बेहतर रिटर्न
- जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी
- पूंजी की सुरक्षा
इमरजेंसी फंड आपका वित्तीय सेफ्टी नेट होता है। इसे अपने निवेश सफर की शुरुआत में प्राथमिकता दें।
यदि आप सही फंड चुनने को लेकर उलझन में हैं, तो अपने म्यूचुअल फंड सलाहकार से संपर्क करें या हमसे पूछें।