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एसआईपी में आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

एसआईपी में आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है। यह रुपए की लागत औसत करने (rupee cost averaging) में मदद करता है और अनुशासित निवेश को बढ़ावा देता है। हालांकि, कई निवेशक कुछ सामान्य गलतियाँ कर बैठते हैं जिससे उनके निवेश का असर कम हो जाता है।

इस लेख में हम उन सामान्य एसआईपी गलतियों पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि उनसे कैसे बचा जा सकता है।

❌ 1. बाजार गिरने पर एसआईपी रोकना

जब बाजार गिरता है, तो कई निवेशक घबरा कर अपनी एसआईपी बंद कर देते हैं। जबकि एसआईपी का असली फायदा तभी मिलता है जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है। गिरते बाजार में ज्यादा यूनिट सस्ते में मिलती हैं जो लंबे समय में रिटर्न बढ़ाती हैं।

सुझाव: बाजार में अस्थिरता के दौरान भी निवेश जारी रखें ताकि लागत औसत हो सके।

❌ 2. बिना लक्ष्य के एसआईपी शुरू करना

अगर आप बिना किसी उद्देश्य के एसआईपी कर रहे हैं तो यह एक अनजान मंज़िल की यात्रा जैसी है। निवेश हमेशा किसी लक्ष्य जैसे घर खरीदना, बच्चे की पढ़ाई या रिटायरमेंट से जुड़ा होना चाहिए।

सुझाव: पहले लक्ष्य तय करें, समय सीमा और राशि निर्धारित करें, फिर उसी के अनुसार मासिक एसआईपी प्लान करें।

❌ 3. केवल पिछले रिटर्न के आधार पर फंड चुनना

बहुत से लोग केवल पिछले प्रदर्शन के आधार पर फंड चुनते हैं। जबकि फंड का चयन करते समय निरंतरता, फंड मैनेजर का अनुभव, खर्च अनुपात और जोखिम को भी ध्यान में रखना चाहिए।

सुझाव: फंड की लंबी अवधि की परफॉर्मेंस, रेटिंग्स और समकक्ष फंड्स से तुलना करके निर्णय लें।

❌ 4. एसआईपी स्टेप-अप विकल्प को नजरअंदाज करना

हर साल महंगाई बढ़ती है, लेकिन कई निवेशक अपनी SIP राशि नहीं बढ़ाते। इससे लक्ष्य तक पहुँचने में ज्यादा समय लग सकता है।

सुझाव: अपनी आय के साथ-साथ हर साल SIP में स्टेप-अप करें। इससे आप लक्ष्य जल्दी हासिल कर पाएंगे।

❌ 5. फंड रिव्यू और री-बैलेंसिंग न करना

कई निवेशक एसआईपी शुरू करने के बाद उसे भूल जाते हैं। लेकिन हर 6–12 महीने में अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा और री-बैलेंसिंग जरूरी होती है।

सुझाव: नियमित रूप से फंड प्रदर्शन, परिसंपत्ति आवंटन और निवेश लक्ष्य की समीक्षा करें।

❌ 6. बहुत कम अवधि के लिए निवेश करना

एसआईपी का असली लाभ लंबे समय में मिलता है। केवल कुछ महीनों या एक साल के लिए एसआईपी करने से खास लाभ नहीं मिलता, विशेष रूप से इक्विटी फंड्स में।

सुझाव: कम से कम 5 साल तक एसआईपी में निवेश बनाए रखें।

❌ 7. घबरा कर जल्दी निकासी करना

बाजार में गिरावट या अस्थायी खराब प्रदर्शन के दौरान कुछ निवेशक घबरा कर पैसा निकाल लेते हैं। इससे दीर्घकालिक धन निर्माण पर असर पड़ता है।

सुझाव: संयम रखें, कंपाउंडिंग की ताकत पर विश्वास रखें और निवेश जारी रखें।

🗂️ एसआईपी की गलतियाँ और समाधान: त्वरित संदर्भ तालिका

गलतीक्या होता हैसमाधान
मार्केट करेक्शन के दौरान एसआईपी बंद करनारुपए की लागत औसत और लंबी अवधि के लाभ से वंचितअस्थिरता के दौरान निवेश जारी रखें
बिना लक्ष्य के एसआईपी शुरू करनानिवेश में दिशा और उद्देश्य की कमीअपना लक्ष्य तय करें और तदनुसार एसआईपी की योजना बनाएं
केवल पिछले रिटर्न के आधार पर फंड चुननाअनुपयुक्त या कम प्रदर्शन करने वाले फंड चुन सकते हैंनिरंतरता, रेटिंग और जोखिम प्रोफाइल की जाँच करें
एसआईपी स्टेप-अप विकल्प को छोड़नाएसआईपी राशि महंगाई के साथ नहीं बढ़तीयोगदान बढ़ाने के लिए एसआईपी स्टेप-अप का उपयोग करें
फंड समीक्षा और री-बैलेंसिंग की अनदेखीपोर्टफोलियो लक्ष्यों से भटक सकता है या कम प्रदर्शन कर सकता हैहर 6-12 महीने में समीक्षा और री-बैलेंसिंग करें
बहुत कम अवधि के लिए निवेश करनाकंपाउंडिंग या मार्केट साइकल का लाभ नहीं मिलताकम से कम 5 साल तक निवेश बनाए रखें
घबराकर जल्दी पैसे निकालनादीर्घकालिक धन सृजन से वंचितकंपाउंडिंग पर भरोसा रखें और धैर्य बनाए रखें

📌 अंतिम विचार

एसआईपी एक प्रभावशाली निवेश टूल है — बशर्ते आप उसे सही तरीके से उपयोग करें। ऊपर बताई गई गलतियों से बचकर आप अपने निवेश को ज्यादा प्रभावशाली बना सकते हैं।

नियमित रहें, समीक्षा करते रहें और अपने निवेश को अपने वित्तीय लक्ष्यों से जोड़कर रखें।


📢 अस्वीकरण: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले सभी योजना से संबंधित दस्तावेज ध्यानपूर्वक पढ़ें।