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DIY निवेशकों की सबसे बड़ी गलतियाँ

DIY निवेशकों की सबसे बड़ी गलतियाँ

Do-It-Yourself (DIY) निवेशक बनना सशक्तिकरण है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ भी हैं। स्वतंत्रता अच्छी है, लेकिन कई DIY निवेशक अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जो महंगी साबित हो सकती हैं।

इन गलतियों को पहचानना ही स्मार्ट और आत्मविश्वासी निवेश की पहली सीढ़ी है।

1. स्पष्ट निवेश योजना की कमी

कई DIY निवेशक बिना स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य, जोखिम क्षमता या समय सीमा तय किए निवेश शुरू कर देते हैं। बिना योजना के निवेश करना बिना कंपास के नाव चलाने जैसा है।

अपने निवेश का उद्देश्य तय करें: रिटायरमेंट, वेल्थ-बिल्डिंग या बच्चों की शिक्षा।

2. पिछले प्रदर्शन के पीछे भागना

अक्सर लोग पिछले साल के "टॉप परफॉर्मिंग" फंड या स्टॉक में निवेश कर देते हैं। जो पहले अच्छा था, जरूरी नहीं आगे भी अच्छा करे।

पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं है।

3. मार्केट टाइमिंग की कोशिश

सस्ता खरीदना और महंगा बेचना—इस चक्कर में DIY निवेशक अक्सर भावनात्मक फैसले लेते हैं। ज्यादातर लोग मार्केट हाई पर खरीदते (लालच) और गिरावट में बेचते (डर) हैं।

मार्केट में समय बिताना, टाइमिंग करने से बेहतर है।

4. बहुत ज्यादा या बहुत कम डाइवर्सिफिकेशन

बहुत ज्यादा या बहुत कम निवेश दोनों ही जोखिम भरे हैं। 30 म्यूचुअल फंड्स का पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड नहीं कहलाता।

क्वालिटी डाइवर्सिफिकेशन, क्वांटिटी से बेहतर है।

5. एसेट एलोकेशन को नजरअंदाज करना

कई निवेशक सिर्फ एक एसेट क्लास (जैसे स्टॉक्स) में निवेश करते हैं और बॉन्ड, गोल्ड या रियल एस्टेट को नजरअंदाज कर देते हैं। एसेट एलोकेशन आपके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार पोर्टफोलियो को बैलेंस करता है।

बैलेंस्ड पोर्टफोलियो मार्केट वोलैटिलिटी को कम करता है।

6. बार-बार पोर्टफोलियो बदलना

DIY निवेशक अक्सर न्यूज या टिप्स के आधार पर फंड, स्टॉक्स या रणनीति बदलते रहते हैं, जिससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट और टैक्स बढ़ जाता है।

शॉर्ट टर्म शोर के आधार पर इम्पल्सिव फैसले न लें।

7. टैक्स इम्प्लीकेशन्स को नजरअंदाज करना

कैपिटल गेन टैक्स, डिविडेंड टैक्स या STT को नजरअंदाज करने से पोस्ट-टैक्स रिटर्न कम हो सकता है।

टैक्स-एफिशिएंट निवेश ही स्मार्ट निवेश है।

8. नियमित रिव्यू न करना

बहुत ज्यादा मॉनिटरिंग नुकसानदेह है, लेकिन बिल्कुल रिव्यू न करना और भी खराब है। DIY निवेशकों को कम से कम साल में दो बार पोर्टफोलियो रिव्यू करना चाहिए।

रिव्यू करें, रीबैलेंस करें और अपने गोल्स के अनुसार पोर्टफोलियो को एडजस्ट करें।

निष्कर्ष

DIY निवेश आज़ादी देता है, लेकिन इसमें अनुशासन, रिसर्च और भावनात्मक नियंत्रण जरूरी है। इन गलतियों से बचें और मजबूत, लक्ष्य-आधारित और टैक्स-एफिशिएंट पोर्टफोलियो बनाएं।

स्मार्ट DIY निवेशक बनें: योजना बनाएं, अनुशासन रखें और लगातार सीखते रहें।

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