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NAV क्यों मायने नहीं रखता
NAV क्यों मायने नहीं रखता
कई नए निवेशक मानते हैं कि कम NAV (नेट एसेट वैल्यू) वाला म्यूचुअल फंड सस्ता और बेहतर है। यह एक आम मिथक है—आइए इसे समझते हैं।
NAV क्या है?
NAV म्यूचुअल फंड की एक यूनिट की कीमत है। यह ऐसे निकाली जाती है:
NAV = (कुल संपत्ति – देनदारियां) / कुल यूनिट्स
जैसे किसी प्रोडक्ट का MRP, वैसे ही NAV प्रति यूनिट वैल्यू बताता है, न कि रिटर्न के लिहाज से सस्ता या महंगा।
कम NAV ≠ बेहतर निवेश
इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
फंड A | फंड B |
---|---|
NAV = ₹10 | NAV = ₹100 |
आप ₹1,000 निवेश करते हैं | आप ₹1,000 निवेश करते हैं |
मिलती हैं 100 यूनिट्स | मिलती हैं 10 यूनिट्स |
NAV 10% बढ़ता है | NAV 10% बढ़ता है |
नया NAV = ₹11 | नया NAV = ₹110 |
कुल वैल्यू = ₹1,100 | कुल वैल्यू = ₹1,100 |
✅ नतीजा: रिटर्न बराबर!
✅ असल में क्या मायने रखता है
NAV की बजाय इन बातों पर ध्यान दें:
- फंड का ऐतिहासिक प्रदर्शन
- फंड मैनेजर का अनुभव
- खर्च अनुपात (Expense Ratio)
- पोर्टफोलियो आवंटन
- आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम प्रोफाइल
निष्कर्ष
म्यूचुअल फंड को सिर्फ NAV देखकर न चुनें। चाहे NAV ₹10 हो या ₹100, असली मायने फंड के लंबे समय के प्रदर्शन का है। लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर फोकस करें, न कि सिर्फ प्रति यूनिट कीमत पर।
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